5 Essential Elements For Shodashi

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।

Charitable functions such as donating food and apparel to your needy are integral into the worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate element of the divine.

This mantra is undoubtedly an invocation to Tripura Sundari, the deity getting addressed With this mantra. This is a request for her to meet all auspicious wishes and bestow blessings on the practitioner.

शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।

सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥

देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं

श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।

कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में read more – tripura sundari kavach

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्

The Sadhana of Tripura Sundari can be a harmonious combination of looking for satisfaction and striving for liberation, reflecting the dual components of her divine nature.

साम्राज्ञी सा मदीया मदगजगमना दीर्घमायुस्तनोतु ॥४॥

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